मुंबई। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मुंबई मनपा द्वारा कार्यवाहकों को भूखंड प्रदान करने, दीर्घकालिक दत्तक लेने और 11 महीने की दत्तक लेने के लिए तैयार किए गए मसौदे को लेकर रविवार को पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी के सांताक्रूज़ निवास पर एक बैठक की। इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि नये प्रारूप का विरोध करते हुए महानगरपालिका जमीन का रखरखाव करेगी और जल्द ही इस संबंध में मनपा के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की जायेगी।पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने कहा, ”हमने रविवार को इस मुद्दे पर चर्चा की। मसौदे में इसका कोई कारण नहीं है कि महानगर पालिका इस नीति को अपनाने के लिए क्यों चाहती है। महानगर पालिका सार्वजनिक भूमि को निजी निकायों को क्यों देना चाहती है? अतीत में एक बुरा अनुभव है। लंबी अनुवर्ती कार्रवाई के बाद भी, महानगर पालिका कार्यवाहक नीति के तहत निजी संस्था द्वारा दी गई जमीन वापस लेने में सफल नहीं हुई है। कोई भी रिटर्न पर विचार किए बिना अपना पैसा क्यों खर्च करेगा? शुक्रवार को हम महानगर पालिका के उद्यान अधीक्षक जीतेंद्र परदेशी से मिलने जा रहे हैं। हमें समझ नहीं आ रहा कि महानगर पालिका सार्वजनिक भूमि को दत्तक क्यों देना चाहती है। हम इस नीति का विरोध करेंगे। महानगर पालिका से जमीन आरक्षित करने की मांग करेगी,” यह बात अनिल गलगली ने कही। प्रस्तावित मैदान एवं खेल मैदान नीति में नये केयर टेकर आधार पर दिये गये भूखण्डों पर किये गये निर्माण एवं अन्य सेवाओं का पूंजीगत मूल्य निर्धारित कर 50 प्रतिशत राशि संबंधित को मुआवजे के रूप में देकर भूखण्डों का अधिग्रहण करने की अनुशंसा की गई है। गलगली ने कहा, इसलिए, कुछ साल पहले कार्यवाहक आधार पर राजनीतिक नेताओं को दिए गए भूखंडों को लेने के लिए महानगर पालिका को करोड़ों रुपये का भुगतान करना होगा। इस बैठक में शरद वागले और अशोक दोशी मौजूद थे।