ठाणे। साहित्यिक,सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था संगीत साहित्य मंच ठाणे द्वारा निरंतर की जाने वाली मासिक काव्यगोष्ठी इस महीने दिनाँक 22 अक्टूबर 2023 रविवार को संस्था के संस्थापक संयोजक रामजीत गुप्ता के आवास पर हुआ।जिसमें मुख्य अतिथि राम अनुज मिश्र की उपस्थिति में रामप्यारे रघुवंशी की अध्यक्षता तथा उमेश मिश्र प्रभाकर के संचालन में काव्य गोष्ठी सम्पन्न हुई।कार्यक्रम का शुभारम्भ सदाशिव चतुर्वेदी “मधुर” द्वारा माँ सरस्वती के चरणों मे वंदना स्वरुप प्रथम पुष्प अर्पित करके किया गया तत्पश्चात अरुण मिश्र अनुरागी द्वारा “संघर्ष जिंदगी है” नमक कविता का मधुर कंठ से पाठ किया गया।अगली कड़ी मे आध्यात्म के कवि मदन गोपाल गुप्ता द्वारा गीता के श्लोकों का हिन्दी काव्यानुवाद की हुई रचना का सुन्दर काव्य पाठ किया गया तदनंतर वरिष्ठ कवि अजय सिंह ने मनुष्य की सोच पर आधारित कविता का सुन्दर प्रस्तुतीकरण किया।क्रम को आगे बढ़ाते हुये संचालक महोदय ने पुनः मधुर को काव्यपाठ के लिए आमंत्रित किया और मधुर ने “मेरी मैया ओ है जो भक्तों पे अपने किसी भी मुसीबत कों आने न देगी ” इस भजन को सुनाकर सभी का मन मोह लिया।इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए वरिष्ठ साहित्यकार खुराना सर ने एक विशाल झील से अपने जीवन की तुलनात्मक कविता का प्रस्तुतीकरण किया। इसी कड़ी में वीर रस के कवि राजेश अल्हड़ सरदार ने एक जोशीली गजल प्रस्तुत किया।कार्यक्रम की अगली कड़ी में शारदा प्रसाद दुबे शरद चंद ने मां ब्रह्मचारिणी पर एक सुन्दर भजन प्रस्तुत किया तत्पश्चात एडवोकेट अनिल शर्मा ने मां पर और कई महत्वपूर्ण विषयों पर मुक्तक प्रस्तुत किया! संस्था के मीडिया प्रभारी विनय शर्मा दीप ने सवैया छंद और माताजी का भजन प्रस्तुत किया।संस्था के संयोजक रामजीत गुप्ता ने मनुष्य की लालची प्रवृत्ति पर कविता और भोजपुरी में भक्ति गीत प्रस्तुत किया! कार्यक्रम के अगले पायदान पर हृदयांगन संस्था के संस्थापक अध्यक्ष विधु भूषण त्रिवेदी ने अध्यात्म के साथ-साथ प्रेम गीत का सुन्दर गायन किया।इसके बाद सहसंयोजक मधुर ने संचालक महोदय को आमंत्रित किया और उमेश मिश्रा प्रभाकर ने आध्यात्मिक और श्रृंगार रस के गीतों का सुन्दर गायन किया।कार्यक्रम के अंतिम पादान पर भा ज भा के अध्यक्ष और इस गोष्ठी के अध्यक्ष रामप्यारे सिंह रघुवंशी ने अपने उद्बोधन में कार्यक्रम की विशेषता पर प्रकाश डाला तथा एक सुन्दर रचना पढ़कर गोष्ठी को अंतिम पड़ाव तक पहुँचाया।कार्यक्रम के बीच में मदन गोपाल गुप्ता ने पूर्व सूचित किसी विषय विशेष पर काव्य गोष्ठी करने का सुन्दर सुझाव दिया।अंत मे सहसंयोजक मधुर ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया और सबका आभार व्यक्त करके कार्यक्रम का समापन किया।

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