भायंदर।भायंदर पूर्व के जैसल पार्क चौपाटी पर दशक्रिया विधी (श्राद्ध कर्म) के लिए शुल्क देने वालों के लिए एक अच्छी खबर है कि अब उन्हें इसके लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा। महापालिका आयुक्त दिलीप ढोले ने सर्कुलर जारी करके आगरी समाज उन्नति संस्था को दी गई परवानगी को निरस्त करते हुए इसका देखभाल करने की जिम्मेदारी एकबार फिर महापालिका को दे दी है। हिंदू धर्म में किसी के मरने पर तालाब या समुद्र के किनारे दशक्रिया विधि (श्राद्ध कर्म) करने का विधान है। इसी को ध्यान में रखते हुए महापालिका ने जैसल पार्क चौपाटी पर एक शेड का निर्माण किया था। 7–8 वर्ष पहले इसका जीर्णोद्धार किया गया था। तब तक महानगरपालिका द्वारा किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता था। बाद में शेड की मरम्मत और देखभाल के लिए संचालन की जिम्मेदारी आगरी समाज उन्नति संस्था को दे दी गई। संस्था द्वारा शुल्क लेने के लिए आवेदन किए जाने पर महापालिका ने शेड का उपयोग करने पर 200 रूपए तथा बाहर बैठकर श्राद्ध कर्म करने वालों से 100 रुपए शुल्क लेने की अनुमति दे दी। स्थानीय भाजपा नगर सेवक मदन उदित नारायण सिंह ने लगातार इसका कड़ा विरोध किया और मनपा सदन में भी इसका जमकर विरोध किया। उनका कहना था कि प्रसिद्ध तीर्थस्थान काशी, नासिक या मुंबई के बाणगंगा घाट पर शुल्क नहीं लिया जाता तो यहां क्यों लिया जा रहा है? महापालिका आयुक्त ने अब जाकर एक बार फिर से श्राद्ध कर्म के लिए लिए जाने वाले शुल्क को रद्द कर दिया है।