डोंबिवली।श्रीमद्भागवत गीता न केवल धर्म का उपदेश देती है, बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाती है। महाभारत के युद्ध के पहले अर्जुन और श्रीकृष्ण के संवाद लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। गीता के उपदेशों पर चलकर न केवल हम स्वयं का, बल्कि समाज का कल्याण भी कर सकते हैं। लोकमान्य तिलक प्राथमिक विद्यालय, मोटा गांव चौक, डोंबिवली पश्चिम में आध्यात्मिक मानव विश्व कल्याण ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में बोलते हुए काशी के प्रखर वक्ता कुणाल जी महाराज ने उपरोक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि संघर्ष की राह पर चलने वाला ही व्यक्ति महान बनता है। 17 दिसंबर से आयोजित कथा का समापन 23 दिसंबर को होगा। प्रतिदिन शाम 6 बजे से रात 9:30 बजे तक हजारों की संख्या में लोग कथा का रसपान कर रहे हैं। ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशिधर शुक्ला, अध्यक्ष दिनेश दुबे, महामंत्री वेद पांडे, कार्य अध्यक्ष नागेंद्र फौजदार शर्मा, आयोजक मोहन गुप्ता और नवीन सिंह, उपाध्यक्ष मनोज तिवारी, संजय शुक्ला राजन पांडे, लोकेश पांडे, महेश मिश्रा, कोषाध्यक्ष सुभाष मिश्रा , सह कोषाध्यक्ष आशीष मिश्रा संगठन मंत्री प्रशांत मणि मिश्रा, कार्यकारिणी सदस्य चिरंजीव लाल शर्मा, अशोक उपाध्याय, देवी शंकर शुक्ला, आनंद गुप्ता, अनूप सिंह, नंदू गुप्ता, पन्नालाल गुप्ता, दिलीप वैश्य तथा मार्गदर्शक मंडल के राम आश्रय मिश्र, बालिकराम दुबे, विश्वनाथ दुबे ,आईपी मिश्रा, निशाकांत मिश्रा रामकृपाल दुबे कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अथक परिश्रम कर रहे हैं।