मुंबई। विश्व सूचना अधिकार दिवस के अवसर पर डॉ. आरएन कूपर अस्पताल में कार्यशाला का आयोजन किया गया। 28 सितंबर को विश्व सूचना अधिकार दिवस के मौके पर डॉ. आरएन कूपर अस्पताल में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. मार्गदर्शक के रूप में मौजूद पत्रकार और सूचना का अधिकार विशेषज्ञ अनिल गलगली ने कहा कि आरटीआई अधिनियम के प्रभावी और कुशल कार्यान्वयन के लिए रिकॉर्ड यानी पुरानी जानकारी का संरक्षण और प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है।
डॉ. आरएन कूपर अस्पताल के डीन डॉ. शैलेश मोहिते की पहल पर सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आम जनता को उचित जानकारी उपलब्ध कराने और अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया था। शैक्षणिक डीन और मेडिसिन विभाग की प्रमुख डॉ. नीलम रेडकर ने अनिल गलगली से उपस्थितों को रुबरु कराया।
अनिल गलगली ने सूचना के अधिकार के बारे में विस्तार से जानकारी दी और जन सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी की कार्यप्रणाली पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्राधिकरण द्वारा आरटीआई अधिनियम की धारा 4 को लागू करने से आरटीआई आवेदनों की संख्या में कमी आएगी। इसके अलावा गलगली ने जोर देकर कहा कि ‘महाराष्ट्र पब्लिक रिकॉर्ड्स एक्ट, 2005’ कानून महत्वपूर्ण है। आरटीआई अधिनियम के प्रभावी और कुशल कार्यान्वयन के लिए रिकॉर्ड यानी पुरानी जानकारी का संरक्षण और प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है। यदि नागरिकों और प्रशासन के बीच सामंजस्य है, तो सूचनाएँ तेजी से प्रदान की जाती हैं और अपीलों की संख्या कम हो जाती है। इस अवसर पर एचबी ट्रॉमा अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश सुखदेवे और शैक्षणिक अधीक्षक डॉ. मनीषा खरे सहित बड़ी संख्या में अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन सह मुख्य कार्मिक अधिकारी हेमा सावंत ने दिया।

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