मुंबई । आर्य विद्या मंदिर बान्द्रा पश्चिम छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है।अतः वक्तृत्वस्पर्धा,खेल प्रतियोगिताओं,वैज्ञानिक समारोहों के अतिरिक्त नृत्य-नाटिकाओं के माध्यम से विद्यालय, देश की महान विभूतियों से युवाओं का परिचय सन् 2002 से करवाता आ रहा है। इसी श्रृखंला में विद्यालय ने सेन्ट एन्ड्रूज सभागार में ‘हरित क्रांति के जनक डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन’ के व्यक्तित्व को नृत्य -नाटिका के माध्यम से प्रस्तुत किया , जिसका उद्देश्य छात्रों को भारत की हरित क्रान्ति के जनक से परिचित करवाना था। महोत्सव में चार सौ पचास छात्रों ने भाग लिया। डॉ . स्वामीनाथन का कहना था कि पैसे से हथियार खरीदे जा सकते हैं लेकिन अन्न नहीं। विद्यालय के प्रेसीडेंट डॉ. सब्बरवाल जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज डॉ. स्वामीनाथन जैसे व्यक्तियों की दुनिया को बहुत आवश्यकता है जो विश्व को अपने अनुसंधानों से एक नवीन दिशा और दशा दे सकें तभी समाज एकरूपता की ओर अग्रसर होगा। आर्य विद्या मंदिर विद्यालय समूह की निर्देशिका श्रीमती ज्योति कुमार ने कहा कि आधुनिक परिप्रेक्ष्य में डॉ. स्वामीनाथन के विचारों का महत्व और भी बढ़ जाता है ,जब विश्व के अधिकांश देश युद्ध की ओर अग्रसर हो रहे हों । विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती स्मिता सुलाखे ने सभी अध्यापिकाओं और छात्रों के सार्थक प्रयास के लिए भूरि-भूरि प्रशंसा की। मीडिया प्रभारी डॉक्टर साधना शर्मा ने महोत्सव से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी सभी को मुहैया कराई l

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