शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने विधान सभा में उठाया मामला
भायंदर। मीरा भायंदर में रहने वाले लाखों लोगों को जल्द ही ब्रिटिश कालीन इस्टेट इन्वेस्टमेंट कंपनी की गुलामी से मुक्ति मिल जाएगी। शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक द्वारा विधानसभा में इस विषय को लेकर उठाए गए प्रश्न के बाद अब निश्चित हो गया है कि जल्द ही लोगों को इससे निजात मिलेगी। शिवसेना 145, विधानसभा प्रमुख विक्रम प्रताप सिंह द्वारा इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और राजस्व मंत्री राधा कृष्ण विखे पाटिल को लिखे पत्र के बाद राधा कृष्ण विखे पाटिल को एक निजी न्यूज चैनल पर आकर कहना पड़ा कि इस मामले की जांच के लिए कोंकण डिविजन के एडिश्नल कमिश्नर के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसकी रिर्पोट आनी बाकी है । क्योंकि द इस्टेट इन्वेस्टमेंट कंपनी ने जो धांधली की है, प्राथमिक रुप से उसे देखने में कई अनियमितताएं साफ नज़र आती है। लेकिन रिर्पोट आने के बाद ही कुछ कहना सही होगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और राजस्व मंत्री राधा कृष्ण विखे पाटिल को लिखे पत्र में विक्रम प्रताप सिंह ने कहां है कि देश जहां आज आजादी का अमृत महोत्सव बना रहा है, वहीं मीरा भायंदर में लाखों लोग आज भी ब्रिटिश कालीन इस्टेट इन्वेस्टमेंट कंपनी की गुलामी से मुक्त नहीं हुए हैं। आज भी यहां के लोग कन्वेंस और डिम कन्वेंस के समय एनओसी के नाम पर कंपनी को करोड़ों रूपया अदा कर चुके हैं। 1870 में ब्रिटेन सरकार ने यहां की जमीन रामचंद्र लक्ष्मण को 999 वर्ष की लीज पर दिया था। आजादी के बाद जहां देश में अनेक सुधार किए गए वहीं आज भी यहां के लोग गुलामी के नाम पर कंपनी को करोड़ों रूपये देने को विवश हैं।