भायंदर (संतोष तिवारी)। लोकसभा चुनाव के मतदान खत्म होते ही मीरा भायंदर शहर में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गयी हैँ. हाल ही में उत्तन के रामभाउ म्हालघी प्रबोधनी में एक प्रशिक्षण वर्ग के दौरान गीता जैन , नरेंद्र मेहता व रवि व्यास ने उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाक़ात की और यहाँ के राजनैतिक विषयों पर चर्चा हुई.जिसके बाद लोग इस बात को लेकर कयास लगा रहे हैँ की इस बार भाजपा विधानसभा चुनाव मे किसे अपना उम्मीदवार बनाएंगी.इस रेस मे तीन नाम प्रमुखता से चल रहे हैँ. जिसमे वर्तमान मे निर्दलीय विधायक और महायुति सरकार को समर्थन दे रही गीता जैन, पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता और नये चेहरे के रूप मे भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष व मीरा भायंदर विधानसभा चुनाव प्रमुख रवि व्यास का नाम शामिल हैँ. गौरतलब हैँ की विद्यायक गीता जैन ने चुनाव जीतने के बाद भाजपा में अपना समर्थन दिया लेकिन सत्ता बदलते ही महाविकास अघाड़ी में शामिल हो गई और भाजपा के मतदाताओं से धोखा किया जिससे मोदी भक्त और बीजेपी समर्थक आज भी नाराज़ है , आज भी उन्होंने महायुति को समर्थन तो दे रखा हैँ लेकिन वो शिवसेना (शिंदे ) गुट के साथ हैँ या फिर भाजपा के साथ इसको लेकर हमेशा संशय की भावना पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ आम जनमानस मे भी बनी हुई हैँ. साथ ही पिछले पांच सालों मे उनके द्वारा किये गए कामकाज को लेकर भी बहुत उत्साह नहीं हैँ. भ्रष्टाचार मिटाने के दावे भी फेल ही दिखे , बल्कि सिर्फ विवादित बयानों और वचन नामें के कार्यों को पूरा ना करने से जनता मे नाराजगी दिखाई देती हैँ.दरअसल पिछले चुनाव मे गीता जैन ने जिस तरह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भाजपा के सिटिंग ताकतवर विधायक नरेंद्र मेहता को पटखनी दी थी, उसे नरेंद्र मेहता की व्यक्तिगत हार के तौर पर ही देखा गया. लोगों का कहना हैँ की गीता जैन नहीं जीते बल्कि भाजपा के उम्मीदवार होने के बाउजूद नरेंद्र मेहता अपनी धूमिल छबि के वजह से चुनाव हारे. ख़ास बात ये हैँ की नरेंद्र मेहता आज भी नगरसेवकों और पार्टी में प्रभाव रखते है लेकिन भ्रष्टाचार के कई आरोप एक के बाद एक लगते रहे हैँ, एक मामले मे तो सीधे तौर पर रिश्वत लेने का प्रकरण मा.हाई कोर्ट मे प्रलंबित हैँ. साथ ही उनका एक आपत्तिजनक अश्लील वीडियो भी वायरल हुआ था जो पूरे शहर मे चर्चा का विषय बन गया था जिसके बाद उन्होंने दिखावे के तौर पर राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा भी कर दी थी लेकिन उनकी व्यक्तिगत महत्वकांक्षा और बिज़नेस मज़बूरी ने उन्हें लौटने के लिए बाध्य कर दिया. क्यूंकि अब भी उनके मैंग्रोव्स काट कर बने आलीशान 7/11 क्लब और अन्य संपत्ति विवाद को लेकर लगातार आरोप प्रत्यारोप और कानूनी पक्रिया का दौर जारी हैँ.ऐसे मे भाजपा इन दोनों चेहरों को लेकर असमंजस की स्तिथि मे हैँ. सूत्रो की माने तो भाजपा इस बार यहाँ से नये चेहरे को मौका देने की मूड मे हैँ. भाजपा ने प्रयोग के तौर पर पूर्व जिलाध्यक्ष रवि व्यास के स्थान पर पुराने कार्यकर्ता किशोर शर्मा को जिलाअध्यक्ष नियुक्त करके और रवि व्यास को मीरा भायंदर विधानसभा चुनाव प्रमुख की अहम जिम्मेदारी देते हुए शहर मे चल रही आपसी गुटबाजी को खत्म करने का पूरा प्रयास किया. लेकिन जिलाअध्यक्ष किशोर शर्मा मेहता के पाले में ज़्यादा दिखते है , इसलिए संघटन में तालमेल बनाने की कसौटी पर खरे नहीं उतर पाए. तो ऐसे मे अब पार्टी नये चेहरे को मौका देने का मन बना चुकी हैँ. और इस रेस मे रवि व्यास का नाम आम जनता में चर्चा में चल रहा हैँ , एक युवा , एडवोकेट और साफ़ सुथरी छवि के चलते जो पार्टी आदेशानुसार संगठन के कार्यों मे लगे रहे और मेहता के विरोध के बावजूद भी एक नया और मजबूत संघठन खड़ा किया और सभी से समंजस्य बनाकर धेर्य के साथ काम कर रहे हैँ. लोकसभा चुनाव मे भी उन्होंने बिना किसी शर्त या दबाव की राजनीति किए बिना महायुति उम्मीदवार के लिए काम किया वो भी आलाकमान के संज्ञान मे गया हैँ. अब देखना ये होगा की लॉटरी किसकी लगेगी. मुकाबला दिलचस्प हैँ. देखना होगा की कौन होगा मीरा भायंदर विधानसभा मे भाजपा का उम्मीदवार?

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