भायंदर। आरपीएफ पुलिस स्टेशन, भायंदर में आयोजित एक कार्यक्रम में आरपीएफ स्टाफ ने सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) की तकनीक सीखी। सीपीआर तकनीक का सही समय में इस्तेमाल कर हार्ट अटैक के मरीजों की जिंदगी को बचाया जा सकता है।
गौरतलब है कि हाल में स्वास्थ्य मंत्रालय (भारत सरकार) ने 5 करोड़ लोगों को सीपीआर ट्रेनिंग देने का लक्ष्य रखा है। रतन टिबरेवाला के मार्गदर्शन में कार्यक्रम का आयोजन भारत विकास परिषद्, संकल्प शाखा, भायंदर पश्चिम ने किया था। रतन टिबरेवाला ने बताया देश में हर साल कार्डियक अरेस्ट के मामले बढ़ते जा रहे हैं। 90 फीसदी कार्डियक अरेस्ट घरों में आता है। अगर समय इन्हें सीपीआर दिया जाए, तो 30 से 40 फीसदी लोगों की जान बचाई जा सकती है। ट्रेनिंग दे रहे वॉकहार्ट हॉस्पिटल के डॉक्टर ने बताया कि सीपीआर देने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि मरीज बदहवास हो, उनकी नब्ज थमी हो और सांसें रुकी हों। कार्यक्रम में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मदन लाल कटारिया व आरपीएफ स्टाफ ने भाग लिया। एम एल कटारिया ने कहा इस सत्र से उपस्थित सभी लोगों को लाभ हुआ और आशा है कि आपातकालीन स्थिति में अधिक लोगों की जान बचायी जा सकेगी। कार्यक्रम में पवन सामरिया, राम अटल का विशेष सहयोग रहा है।

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