भायंदर। शहर में रहने वाले वारकरी समाज के लोगों की श्रद्धा और सुविधा को देखते हुए पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता ने मीरा रोड स्थित एसके स्टोन मैदान में पंढरपुर स्थित विठ्ठल भगवान के विश्व प्रसिद्ध मंदिर का मॉडल बनवाकर लोगों को दर्शन करने की अपील की, परंतु खुद ही पहले दिन आषाढी एकादशी को गायब रहे। पता चला कि वे पूर्व नगरसेवक तथा नगरसेविकाओं के साथ गोवा में थे। श्री मेहता के अनुसार वहां तीन दिन का कॉन्फ्रेंस था। मेहता के अपने साथियों के साथ गोवा भ्रमण के कुछ फोटोग्राफ सामने आए हैं, जिसमें सारे लोग मौज मस्ती और सैर सपाटा करते नजर आ रहे हैं। कॉन्फ्रेंस की कोई भी फोटो वायरल नहीं हुई है, जबकि स्विमिंग पूल में नहाने, डांस करने तथा ग्रुप फोटो सेशन की कई खूबसूरत तस्वीरें वायरल हुई हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि दूसरों को विठ्ठल भक्ति का पाठ सिखाने वाले नरेंद्र मेहता ने आषाढी एकादशी के दिन भक्तों के साथ पहली आरती करने की बजाय गोवा रहना इतना जरूरी क्यों समझा? श्री मेहता ने खुद वारकरी के कपड़े में सज धज कर वायरल वीडियो के माध्यम से लोगों से पूरे परिवार समेत विठ्ठल दर्शन करने की अपील की है। 17 जुलाई से 23 जुलाई तक आयोजित महोत्सव का कल पहला दिन था और पहले ही दिन जिस तरह से उन्होंने गोआ में रहकर सैर सपाटा किया, उससे कई सवाल खड़े हो जाते हैं? भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता सुरेश येवले के अनुसार मेहता ने सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए विठ्ठल मंदिर की प्रतिकृति बनवाया। अगर उनके मन में श्रद्धा होती तो वे भक्तों के साथ पहली आरती में जरूर शामिल होते। उन्होंने कहा कि मेहता ने हिंदू भावनाओं का अपमान किया है। उनके खिलाफ अपराध दर्ज किया जाना चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता रोहित सुवर्णा के अनुसार मेहता हमेशा से रंगीन मिजाज के इंसान रहे। धर्म के प्रति उनके मन में कभी भी आस्था नहीं रही । वे सिर्फ दिखावे के लिए खुद को श्रद्धावान और धार्मिक बताते हैं। गोवा की वायरल तस्वीरें उनकी असलियत बयां करती हैं।

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