मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही सभी राजनीतिक दलों की हलचल बढ़ गई है। इस बीच समाजसेवी गणपत कोठारी के भी चुनाव लड़ने की कवायद शुरू हो गई है। जानकारों के मुताबिक गणपत कोठारी पर चुनाव लड़ने का सर्व-धर्मीय समाज के प्रमुखों एवं प्रबुद्ध वर्ग के मतदाताओं का दबाव बढ़ता जा रहा है, जिससे उनके दक्षिण मुंबई की किसी एक विधानसभा क्षेत्र से चुनावी समर में उतरने के कयास लगाए जा रहे हैं। गुरूवार को भी गणपत कोठारी के कालबादेवी स्थित कार्यालय में तमाम सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों का जमावड़ा लगा रहा, जहां सभी ने एक सुर में लोकसभा की भांति त्याग के बजाय विधानसभा चुनाव में पूरे दम-खम के साथ उतरने का अनुरोध किया गया। लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए अगले कुछ दिनों में इस मुद्दे पर अपनी भूमिका स्पष्ट करने का भरोसा सर्व-धर्मीय समाज प्रमुखों को दिया है। गौरतलब हो कि आर्थिक राजधानी मुंबई की हृदय स्थली दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट से सुप्रसिद्ध समाजसेवी तथा सुपरहिट मराठी फिल्म ‘वलू’ के प्रोड्यूसर गणपत कोठारी ने विगत लोकसभा चुनाव के दौरान दक्षिण मुंबई सीट से सर्व-समावेशी विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ने की जोरदार तैयारी की थी, जिससे लोगों में बेहद उत्साह था, और सभी जाति-धर्म के मतदाता उनके समर्थन में लामबंद हो गए थे। उनके नामांकन के एक दिन पूर्व महायुति में समझौते के तहत शिवसेना (शिंदे गुट) के कोटे में दी गई और भायखला की विधायक यामिनी यशवंत जाधव को उम्मीदवार बनाया गया। जिसके उपरांत मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गणपत कोठारी को व्यक्तिगत फोन कर चुनाव न लड़ने का अनुरोध किया, जिनका सम्मान करते हुए उन्होंने अपनी दावेदारी वापस ले ली। हालांकि तमाम कोशिशों के बावजूद यामिनी जाधव लोकसभा चुनाव में पराजित हो गईं। इस बाबत अपनी प्रतिक्रिया में गणपत कोठारी ने कहा कि आर्थिक राजधानी मुंबई का हृदय कहा जाने वाला दक्षिण मुंबई आजादी के इतने वर्षों बाद भी अपनी दुदर्शा पर आंसू बहा रहा है और उपेक्षा का दंश झेल रहा है। एशिया का मानचेस्टर कहा जाने वाला थोक कपड़ा बाजार आज पूरी तरह से बिखर चुका है। बहुत से व्यापारी अब यहां से पलायन करने का मन बना चुके हैं और कुछ कर भी चुके हैं। क्षेत्र की तंग गलियां, बढ़ता प्रदूषण और ट्रैफिक जाम की समस्या ने यहां के लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है।
कोई भी राजनीतिक दल हो,किसी को यहां की समस्याओं के निराकरण करने की चिंता नहीं है। लोग इस विधानसभा चुनाव में बदलाव के साथ ही दक्षिण मुंबई के विकास के लिए प्रतिबद्ध उम्मीदवार को अपना समर्थन देने के लिए आतुर हैं, हालांकि तमाम राजनीतिक पार्टियों के सूत्रधारों ने उनसे चुनाव लड़ने के लिए संपर्क किया है, लेकिन फिलहाल उन्होंने कोई निर्णय नहीं लिया है। सभी समाज के लोगों का चुनाव मैदान में उतरने का दबाव है, जिसका निर्णय वे कुछ ही दिनों में सर्व-धर्मीय समाज के प्रमुखों के साथ विचार-विमर्श के बाद लेंगे। बता दें कि गणपत कोठारी काफी सालों से इस क्षेत्र में रहते हुए अपने व्यापारिक गतिविधियों एवं समाजसेवा की भावना से यहां की समस्याओं का काफी हद तक दूर करने का भी प्रयास करते आ रहे हैं। लेकिन राजनीतिक एवं प्रशासनिक अड़चनें आड़े आ जाती हैं। इसलिए अब यहां की जनता ने भी गणपत कोठारी को इस विधानसभा चुनाव में विधायक बनाने का बीड़ा उठा लिया है।

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