मुंबई। वाकोला मनपा‌ उ. प्रा. हिंदी शाला क्र. 01, सांताक्रुज़ (पूर्व), मुंबई के खुले प्रांगण में औपचारिक शैक्षिक सेवा-संपूर्ति के तत्त्वावधान में इसी विद्यालय के आदर्श शिक्षक शशिकुमार चौबे के अभिनंदनार्थ पूर्व शिक्षा निरीक्षिका श्रीमती रेशमा जेधिया की अध्यक्षता में भव्य अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया।अतिथियों के परिचय और स्वागत के पश्चात वक्तव्यों की शृंखला प्रारंभ हुई। समारोह में‌ अतिथि के रूप में आमंत्रित पूर्व शिक्षा निरीक्षक श्रीमती रजनी विधलान ,गिरिजाशंकर त्रिपाठी (पूर्व प्रधानाध्यापक) , पूर्व प्रशासकीय अधिकारी अशफाक अहमद शाह प्रधानाध्यापक ड नागेश पाण्डेय आदि मान्यवरों ने शशिकुमार चौबे के प्रेरणा‌दायी व्यक्तित्व के सभी पक्षों पर बारी-बारी से प्रकाश डाला। इस पुनीत अवसर पर विराजमान गौरव मूर्ति के चाचा कैलाश नाथ चौबे, कपिलदेव चौबे, राजेंद्र प्रसाद मिश्र, अशोक जैसवाल, श्रीमती सुनीता बालशंकर, शिवशंकर यादव जैसे गणमान्य विभूतियों ने अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति एवं उदार वाणी से समारोह की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम के केंद्र बिंदु चौबे ने अपने संक्षिप्त परंतु सारगर्भित वक्तव्य में अपनी प्रगति के लिए परिवार, समाज और राष्ट्र से मिली उत्प्रेरणा को उत्तरदायी माना और सबके प्रति आभार व्यक्त किया। वाकोला मनपा उ. प्रा. हिंदी शाला क्र. 01 की प्रधानाध्यापिका श्रीमती स्नेहा लाघवे ने‌ शाला परिवार के सभी सदस्यों के साथ शशि कुमार चौबे तथा उनके वाम पक्ष में विराजमान उनकी धर्मपत्नी श्रीमती संगीता‌ का संयुक्त रूप से अभिनंदन किया और अपने वक्तव्य में‌ श्री चौबे की उल्लेखनीय कृतियों एवं व्यवहार में परिलक्षित अप्रतिम आत्मीयता का मनमोहक चित्रण किया। विद्यालय के आदर्श शिक्षक अच्छे लाल पाठक ने शाला-परिवार द्वारा तैयार किए गए अभिनंदन पत्र का मनमोहक वाचन किया। कार्यक्रम के सारांश के रूप में दिए गए शिक्षाप्रद अध्यक्षीय भाषण से समारोह अपने गंतव्य पर पहुँचा। वरिष्ठ शिक्षक रामचंद्र यादव ने मंच का सुंदर संचालन किया। श्रोता के रूप में उपस्थित शिक्षकों, अभिभावकों, विद्यार्थियों तथा अन्य लोगों ने सभी वक्तव्यों का करतल ध्वनि से स्वागत किया। राष्ट्रगीत की ध्वनि के साथ अविस्मरणीय कार्यक्रम का समापन हुआ।

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