वाराणसी। श्री भट्ट ब्राह्मण महासभा काशी और अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के तत्वाधान में वाराणसी के श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय, दुर्गाकुंड, वाराणसी के सभागृह में 17 नवंबर 2024 को “वर्तमान परिवेश में ब्राह्मणों के विकास की दिशा” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष कमलाकांत उपाध्याय, राष्ट्रीय महासभा के महामंत्री गणेश दत्त शास्त्री के अलावा भट्ट ब्राह्मण महासभा काशी के अध्यक्ष बसंत राय, महेंद्र शर्मा, हरिकांत तिवारी व ब्राह्मण समाज के अन्य कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। इस सभा की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध शिक्षाविद डॉक्टर हरिद्वार शर्मा ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर दयानंद तिवारी मुंबई उपस्थित थे।इस अवसर पर सभी विद्वानों ने एकमत से यह सुझाव दिया कि यदि ब्राह्मण समाज के अस्तित्व को बचाए रखना है तो हम सभी ब्राह्मणों को एकजुट होना होगा। सभी को ब्राह्मण धर्म और कर्म का पालन करना होगा। तभी ब्राह्मण समाज का कल्याण हो सकेगा।
कमलाकांत उपाध्याय ने कहा कि ब्राह्मण समाज में कोई छोटा और कोई बड़ा नहीं है। अब तीन और तेरह के चक्कर को छोड़कर जितने भी ब्राह्मण है सभी को एक साथ जोड़ने की आवश्यकता है। इस सभा में यह भी निर्णय लिया गया कि भट्ट ब्राह्मण, भूमिहार, गिरी, उपाध्याय, पाठक और शर्मा चाहे वह सरयू पारी हों या कान्यकुब्ज सभी ब्राह्मण समाज के अंग है उन्हें ब्राह्मण समाज में शामिल करने से ब्राह्मण समाज अखिल भारतीय स्तर पर मजबूत होगा।
इस अवसर पर प्रोफेसर दयानंद तिवारी ने कहा कि ब्राह्मण कोई जाति नहीं देश की संस्कृति और संस्कार का नाम है। ब्राह्मण समाज को अपने अस्तित्व को कायम रखते हुए समाज का आदर्श बनना होगा। आज के समय में ब्राह्मण को अपने आचरण को सुधारते हुए ब्राह्मण के जो नौ गुण निर्धारित किए गए हैं उनका भी पालन करना होगा। ब्राह्मण वर्ग को अपने आचरण में शुद्धता लाने के साथ ही स्वार्थ से ऊपर उठकर एक साथ आना होगा। ब्राह्मण समाज एकसाथ मिलकर सशक्त शक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।
इस अवसर पर डॉ दयानंद तिवारी को ब्राह्मण भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया।

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