नई दिल्ली। इंजीनियरिंग निर्माण ठेकेदारों और रियल एस्टेट कंपनियों के शीर्ष अखिल भारतीय निकाय, बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) ने केंद्रीय बजट 2025-26 के लिए अपने बजट-पूर्व प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं और बुनियादी ढांचे के बजट में वृद्धि, इंफ्रा कंपनियों के लिए कर प्रोत्साहन, कॉर्पोरेट कर में कमी, इंफ्रा परियोजनाओं के लिए एकल खिड़की निकासी प्रणाली, निर्माण सामग्री पर जीएसटी में कमी, इंफ्रा निवेश ट्रस्ट के गठन आदि की मांग की है। इन प्रस्तावों का उद्देश्य देश के निर्माण और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में सतत विकास को बढ़ावा देना है। अपनी 220 से अधिक शाखाओं के माध्यम से 22,000 से अधिक व्यावसायिक संस्थाओं के सदस्यों और 1,50,000 से अधिक की अप्रत्यक्ष सदस्यता के साथ, बीएआई निर्माण उद्योग की सामूहिक आवाज़ का प्रतिनिधित्व करता है, जो भारत की आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। बीएआई ने अपने प्रस्ताव में सरकार से देश के सकल घरेलू उत्पाद का 10 फीसदी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आबंटित करने का आग्रह करके बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने की मांग की है, जो दीर्घकालिक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन में इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। बीएआई ने बुनियादी ढांचा कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट कर की दर को घटाकर 15 फीसदी करने की वकालत करके बुनियादी ढांचा कंपनियों के लिए कर प्रोत्साहन पर भी जोर दिया है। बीएआई ने कहा है कि इससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा और बड़े पैमाने की परियोजनाओं की वित्तीय व्यवहार्यता में सुधार होगा। इसने निर्माण और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए मंजूरी में तेजी लाने के लिए एकल खिड़की मंजूरी प्रणाली के लिए सुव्यवस्थित अनुमोदन की भी मांग की है। एसोसिएशन ने नौकरशाही देरी को कम करने और समय पर परियोजना पूरी करने को प्रोत्साहित करने पर भी जोर दिया है। बीएआई के उपाध्यक्ष आनंद जे गुप्ता ने निर्माण सामग्री पर जीएसटी घटाकर 12 फीसदी करने, किफायती आवास के लिए 50,000 करोड़ रुपये आवंटित करने, रेरा अनुपालन को सरल बनाने और एनआईएफआई के माध्यम से बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण को बढ़ाने पर जोर दिया है। बीएआई ने बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (आईएनवीआईटीएस) शुरू करने, बुनियादी ढांचे के ऋणों के लिए ब्याज दरों को कम करने की भी मांग की है। बीएआई के अध्यक्ष के. विश्वनाथन ने कहा, कि हमारा मानना ​​है कि ये प्रस्ताव भारत के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण निर्माण और बुनियादी ढांचा क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। इन प्रमुख क्षेत्रों को संबोधित करके, केंद्रीय बजट 2025-26 निर्माण और बुनियादी ढांचा क्षेत्र को काफी बढ़ावा दे सकता है, जिससे रोजगार पैदा होंगे, आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा। बैठक की अध्यक्षता सीबीआईसी के अध्यक्ष संजय कुमार अग्रवाल, (आईआरएस) ने की तथा इसमें केंद्रीय वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में बीएआई के उपाध्यक्ष राजीव गोयल, बीएआई की प्रत्यक्ष कराधान समिति के अध्यक्ष सीए तरुण घिया, बीएआई की अप्रत्यक्ष कराधान समिति के अध्यक्ष सीए एम. रवींद्रन, बीएआई के महासचिव मोहिंदर रिजवानी तथा बीएआई के दिल्ली कार्यालय में सरकारी संचार एवं समन्वय प्रमुख सीए संजय चौधरी ने भी भाग लिया। गौरतलब हो कि 1941 में स्थापित बीएआई ने निर्माण उद्योग के समक्ष परिचालन एवं नीति-स्तरीय चुनौतियों के समाधान के लिए निरंतर काम किया है। आगामी केंद्रीय बजट से पहले उल्लिखित एसोसिएशन के प्रस्ताव बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाने, अनुकूल नीतिगत माहौल बनाने तथा लंबे समय से चली आ रही क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान पर केंद्रित हैं। एसोसिएशन का मूल उद्देश्य निर्माण उद्योग के समक्ष परिचालन एवं नीति-स्तरीय समस्याओं के समाधान की दिशा में प्रयास करते हुए निर्माण क्षेत्र में सर्वांगीण सुधार लाना है। इसमें नीति निर्माताओं और प्राधिकारियों से निर्माण उद्योग के प्रति वह ध्यान आकर्षित करने का प्रयास करना शामिल है, जिसका वह अर्थव्यवस्था में जबरदस्त योगदान और महत्व को देखते हुए हकदार है।

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