मुंबई। समाज सुधारक, विचारक,लेखक एवं दार्शनिक महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को कटगुण, सतारा में हुआ।जिनकी माता चिमना फुले एवं पिता गोविन्दराव फुले ने अपनी परिस्थितिनुसार लालन-पालन करते हुए पढ़ाया लिखाया। महात्मा ज्योतिबा फुले दलित उत्थान और महिला सशक्तिकरण के लिए सदैव समर्पित रहे तथा महान समाज सुधारक के रूप में अपनी पहचान बनाई।महात्मा फुले समाज को अंधविश्वास और कुप्रथाओं से मुक्त करना चाहते थे उसी स्वप्न को साकार करने हेतु सत्यशोधक समाज की स्थापना की।समाज की सेवा करते हुए पुणे शहर में 28 नवंबर 1890 ई. में 63 वर्ष की आयु में महात्मा ज्योतिबा फुले ने अंतिम सांस ली। ऐसे महान समाजसेवी महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि पिछड़ी एवं अनुसूचित जाति के बच्चों के शासकीय छात्रावास वरली बीडीडी चाल,मुंबई परिसर में गुरुवार दिनांक 28 नवंबर 2024 को मनाई गई जहां महात्मा ज्योतिबा फुले के कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि दी गई।उक्त पुष्पांजलि कार्यक्रम में मुख्य रूप से अंकुश राठौड़ छात्रावास प्रमुख,राष्ट्रीय कवि एवं पत्रकार विनय शर्मा दीप (बृहन्मुंबई महानगरपालिका स्वास्थ्य चिकित्सा विभाग मलेरिया सर्वेलेंस अन्वेक्षक),सागर अरकड़े,भावानजी कांबले, सुनील काले,मनीषा हुनारी, सविता मागाडे की विशेष उपस्थिति रही।छात्रावास के सभी बच्चों ने महात्मा ज्योतिबा फुले के जीवनी से अभिभूत हुए।