छत्तीसगढ़।
प्रभु श्री कृष्ण की पावन जन्म स्थली मथुरा में साहित्योदय का भव्य कार्यक्रम कृष्णायण,वात्सल्य ग्राम में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि साध्वी ऋतम्भरा (प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु), कार्यक्रम अध्यक्ष रविन्द्र कुमार सिन्हा (पूर्व सांसद मथुरा)विशिष्ट अतिथि डॉ सोम ठाकुर, डॉ बिष्णु सक्सेना,संरक्षक बुद्धिनाथ मिश्र,संयोजक पंकज प्रियम रहे।कार्यक्रम मांँ शारदे की वंदना से प्रारंभ हुआ।प्रत्येक सत्र के अलग-अलग सत्राध्क्ष रहे।अंतिम सत्र के सत्राध्यक्ष पंकज प्रियम रहे जिसमें विलासपुर, छत्तीसगढ़ के साहित्यकार राम रतन श्रीवास “राधे राधे” की शानदार काव्यांजलि से मन मोह लिया।इसी के साथ कवि सम्मेलन का समापन किया गया।देश के लगभग 200 साहित्यकार इस कार्यक्रम में शामिल हुए जिनके लेखनी से श्रीमद्भागवत पुराण एवं प्रभु श्री कृष्ण जी से जुड़े सभी ग्रंथों का समावेश करते हुए “कृष्णायण काव्य ग्रंथ” बद्ध किया गया।जिसके दो खण्ड 17 भागों में 832 पृष्ठ समाहित हैं,इसके संपादक पंकज प्रियम है।इस ग्रंथ का विमोचन उक्त कार्यक्रम में सभी साहित्यकारों की उपस्थिति में किया गया। साहित्य जगत के इतिहास में यह विश्व का अनूठा ग्रंथ शामिल होने पर इस पुस्तक के कलमकारों को लंदन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड एवं वर्ल्ड ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड में शामिल किया गया। पुस्तक के साहित्यकारों में एक नाम राम रतन श्रीवास “राधे राधे” का भी शामिल है।रामरतन कि नाम शामिल होने का मुख्य उद्देश्य कि इन्होंने भाग 15 रहस्य लीला के अंतर्गत स्वर्ग में कृष्ण-वासुदेव संवाद (वीर योद्धा अभिमन्यु एवं महाभारत युद्ध का वृत्तांत) अपनी लेखनी के माध्यम से पद्यात्मक रूप में लिखा।इसके लिए उन्हें साहित्योदय द्वारा साहित्योदय काव्य रत्न सम्मान से सम्मानित भी किया गया। राम रतन को सैकड़ो उत्कृष्ट सम्मान प्राप्त हो चुके हैं उक्त सम्मान पाने पर शुभ चिंतकों ने शुभकामनाएं और बधाइयां दी।

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