ठाणे। ब्राह्मण जन जागरण मंच द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ कथा का आयोजन कलवा के आतकोनेश्वर मफतलाल ग्राउंड में आयोजित किया गया है। कथा व्यास काशी के मर्मज्ञ कथावाचक श्री कुणाल जी महाराज के मुखारविंद से श्रीमद् भागवत ज्ञान की अमृतमय वर्षा हो रही है।
प्रांगण में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन की कथा प्रारंभ करते हुए कथावक्ता कुणाल महाराज ने भगवान की अनेक लीलाओं में श्रेष्ठतम लीला रास लीला का वर्णन करते हुए बताया कि रास तो जीव का शिव के मिलन की कथा है। यह काम को बढ़ाने की नहीं काम पर विजय प्राप्त करने की कथा है। इस कथा में कामदेव ने भगवान पर खुले मैदान में अपने पूर्व सामर्थ्य के साथ आक्रमण किया है लेकिन वह भगवान को पराजित नही कर पाया उसे ही परास्त होना पड़ा है। भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रुक्मणि के साथ संपन्न हुआ लेकिन रुक्मणि को श्रीकृष्ण द्वारा हरण कर विवाह किया गया। इस कथा में समझाया गया कि रुक्मणि स्वयं साक्षात लक्ष्मी है औरवहनारायण से दूर रह ही नही सकती यदि जीव अपने धन अर्थात लक्ष्मी को भगवान के काम में लगाए तो ठीक नही तो फिर वह धन चोरी द्वारा, बीमारी द्वारा या अन्य मार्ग से हरण हो ही जाता है। धन को परमार्थ में लगाना चाहिए और जब कोई लक्ष्मी नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है तो उन्हें भगवान की कृपा स्वत ही प्राप्त हो जाती है। श्रीकृष्ण भगवान व रुक्मणि के अतिरिक्त अन्य विवाहों का भी वर्णन किया गया। कथा के दौरान कुणाल महाराज ने भजन प्रस्तुत किए। महाराज जी के मुखारबिंदु से अंतर ज्ञान की कथा सुन कर श्रोता आत्मविभोर हो उठे। कथा श्रवण करने के लिए हजारों की संख्या में भक्त आ रहे है। कार्यक्रम का आयोजन ब्राह्मण जन जागरण संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल शुक्ला, कमलेश शुक्ला, वेद प्रकाश तिवारी, रमेश उपाध्याय, हरिनाथ उपाध्याय, शेषमणि तिवारी, पंकज पांडे, शशिकांत पांडे, पंडित संजय मिश्रा,साधना पाण्डेय, शशि यादव, पंडित बालकृष्ण दास और विजय दुबे का विशेष सहयोग है।

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