मित्रों मन की बात बताऊँ….!
वर्तमान में नई पीढ़ी तो,
संदेह के दौर में जी रही है…
सुबूत रखना चाहती है,
समय पर गड़े मुर्दे उखाड़ने को…
इंडाईरेक्टली….!
अपने प्रतिद्वंद्वी को पछाड़ने को….
साथ ही….उनको बताने को…
भूली बिसरी सब कहानी….!
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की जुबानी…
ताकि कर सके….!
उनको सबके सामने पानी-पानी….
मन में….इन सबके….!
कुछ अजीब सा कलेश है,
आपस में…बहुत ज्यादा द्वेष है….
एक दूसरे की प्रगति से,
एक दूसरे में रोष है…..
दूसरे का नुकसान ही,
इनको लगता….इनका पारितोष है….
ऐसे में दिखता नहीं कभी इनको,
स्वयं का अपना दोष है…..
अब कैसे बताऊँ मित्रों…!
उद्देश्य….इस नई पीढ़ी का…
हर जतन कर….
बस भरना अपना कोष है….
और…इसके लिए ही…!
इनमें बचा कुछ जोश है….
अब कौन बताए इनको…!
यह तो प्यासे के लिए,
पानी की जगह उपलब्ध ओस है…
जिसको वे सभी मान रहे,
उपाय बेहद ठोस है….
सच बताऊँ मित्रों….!
लगता तो ऐसा है कि….
नई पीढ़ी कर रही,
बड़ी भारी मिस्टेक है….
इनके लिए तो….!
शरीर के सब अंगों से बड़ा,
शायद इनका पेट है….
विकास के इस दौर में,
हर किसी ने बना लिया,
अपना-अपना रेट है…
बिकने के लिए तैयार बैठे हैं सभी,
बस फ़िक्स होनी डेट है….
इधर हम भी….जाने क्यों…?
पी रहे इनका पानी भरपेट हैं…और…
सब कुछ जानते हुए भी….!
जाने क्यों कहते चले जा रहे हैं…
नई पीढ़ी तो बड़ी हाईटेक है…!
नई पीढ़ी तो बड़ी हाईटेक है…!

रचनाकार….
जितेन्द्र कुमार दुबे
अपर पुलिस अधीक्षक
जनपद –कासगंजhu

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