ठाणे । साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था संगीत साहित्य मंच की 108 वीं मासिक काव्यगोष्ठी रविवार दिनांक 16 जून 2024 को संस्था के संयोजक रामजीत गुप्ता के आवास पर संपन्न हुई।मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती सुषमा रानी सिन्हा तथा विशेष अतिथि विकास सिन्हा की उपस्थिति,नरेन्द्र शर्मा “खामोश ” की अध्यक्षता और उमेश मिश्र प्रभाकर के संचालन मे सम्पन्न हुई।कार्यक्रम का शुभारम्भ सदाशिव चतुर्वेदी “मधुर” द्वारा माँ सरस्वती के चरणों मे वंदना स्वरुप प्रथम पुष्प अर्पित करके किया गया तत्पश्चात अरुण मिश्र अनुरागी द्वारा श्रृंगार गीत का मधुर कंठ से गायन किया गया।क्रमशः राहुल मोलासी द्वारा पिता की अहमियत पर कविता का सुन्दर पाठन किया गया।कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए मधुर ने श्रृंगार रस पर सुन्दर गीत,सुशील शुक्ला नाचीज द्वारा एक सुन्दर श्रृंगार रस की कविता,वरिष्ठ कवि‌ ओम प्रकाश सिंह ने बचपन पर कविता सुना कर पुरानी यादों को ताज़ा कर दिया।वरिष्ठ कवि त्रिलोचन सिंह अरोरा ने अपने खूबसूरत अंदाज़ में कई शैर और ग़ज़ल प्रस्तुत किया,संयोजक रामजीत गुप्ता ने इश्क से विरक्ति पर मोहक कविता सुनाया,वरिष्ठ कवि तिलकराज खुराना ने अपनी पुस्तक “आओ जरा मुस्कुरायें” से ईर्ष्या पर प्रेरणादायक कविता सुनाया,रामजीत गुप्ता के आग्रह पर उमेश मिश्र प्रभाकर ने कुछ मुक्तक और जन्मभूमि पर गीत प्रस्तुत किया।गोष्ठी को आगे बढ़ाते हुये एकमेव कवियत्री श्रीमती सुषमा रानी सिन्हा ने पिता पर मुक्तक प्रस्तुत करते हुये “अन्न के दानों से गुफ़्तगू”शीर्षक की कविता का पठन किया।इसी कड़ी में विशेष अतिथि सिन्हा ने पिता पर एक मुक्तक प्रस्तुत किया।कार्यक्रम के अन्तिम चरण में गोष्ठी के अध्यक्ष नरेन्द्र शर्मा “खामोश” ने माँ गंगा की स्तुति के पद प्रस्तुत किया तथा गोष्ठी की खूबसूरती को सराहा। गोष्टी विशेष रूप से आध्यात्मिक, सामाजिक तथा श्रृंगार की कविताओं एवं चर्चाओं का विषय रही।कार्यक्रम के अंत मे संयोजक गुप्ता ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया और सबका आभार व्यक्त करके कार्यक्रम का समापन किया।

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