मुंबई। प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय अध्ययन संस्थान में विभागाध्यक्ष और महाराष्ट्र हिंदी साहित्य अकादमी के पूर्व सदस्य प्रोफेसर रवि रमेशचंद्र शुक्ला को उत्तर प्रदेश की औरैया हिंदी प्रोत्साहन निधि ने हिंदी भाषा के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए वर्ष 2024 का “श्रीमती गंगा देवी विश्वकर्मा हिंदी सेवा सम्मान” इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री सुभाष चंद्र शर्मा और पी. के. विश्वविद्यालय शिवपुरी मध्य प्रदेश के कुलपति प्रोफेसर योगेश चंद्र दुबे के हाथों प्रदान किया गया। औरैया हिंदी प्रोत्साहन निधि संस्था को 24 वर्ष पूर्व 1999 में पं. ओम नारायण चतुर्वेदी “मंजुल” ने स्थापित किया था। तब से हर वर्ष संपूर्ण भारत में राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी भाषा कार्य के लिए 15 श्रेणियों में पुरस्कार दिए जाते हैं। इस वर्ष चयन समिति ने डॉ रवि रमेशचंद्र शुक्ला (जेएनयू, दिल्ली), डॉ गंगा प्रसाद शर्मा गुणशेखर (सूरत गुजरात), प्रो. मीरा द्विवेदी ( दिल्ली विश्वविद्यालय), प्रो. उमेश कुमार सिंह (म.गा.अ.हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा, महाराष्ट्र), डॉ मधुसूदन दीक्षित ( लखनऊ), प्रो. मुन्ना तिवारी ( बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी), कवि दीपचंद त्रिपाठी “निर्बल”, प्रो. शार्दूल विक्रम सिंह ( नेहरू पी जी कॉलेज, बाराबंकी), चंद्रदेव वर्मा ( मैनपुरी), डॉ विनोद त्रिपाठी (कानपुर), डॉ. अविनाश श्रीवास्तव, डॉ राजेश कुमार गर्ग (इलाहाबाद विश्वविद्यालय), उमेश उत्पल (हापुड़), दीपशिखा यादव (वाराणसी) और सुरेश बाबू चतुर्वेदी को पुरस्कार के लिए चयनित किया था।
सम्मान प्रशस्ति को स्वीकार करते हुए डॉ रवि रमेशचंद्र शुक्ला ने मुंबई में अपने बहुभाषी और मराठी भाषी परिवेश में रह कर उन भाषाओं के साथ हिंदी के प्रयोग, प्रसार और संभावनाओं पर गर्व अनुभूति व्यक्त की। साथ ही भारत की सांस्कृतिक और भाषाई चेतना के एकीकरण को समझने का आवाहन भी किया। सभी भाषाओं में एक ही संस्कृति और चेतना व्याप्त है, वो है भारतीयता और हिंदी इन सबके बीच एक पुल का कार्य कर रही है। इस अवसर पर सभी साहित्यप्रेमियों ने डॉ रवि को शुभकामनाएं प्रेषित की।

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