मुंबई । सांताक्रुज पूर्व स्थित नजमाहेप्तुल्ला हाल में कल महाराष्ट्र राज्य साहित्य अकादमी एवम संकल्प साहित्य कला मंच के संयुक्त तत्वावधान में कनिष्ठ महाविद्यालय के शिक्षकों के लिए एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन नजमा हेपतुल्ला सभागार में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। संगोष्ठी का विषय था “वर्तमान परिपेक्ष्य में विद्यार्थियों के विकास हेतु सोशल मीडिया एवम् शिक्षकों की भूमिका “।
संगोष्ठी के प्रथम सत्र की अध्यक्षता महाराष्ट्र राज्य साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ शीतल प्रसाद दुबे ने की। विशेष अतिथि के रूप में पधारे नवभारत टाइम्स के संपादक सुंदर चंद ठाकुर ने सोशल मीडिया के सकारात्मक पहलुओं पर अपने विचार प्रकट किए। प्रथम सत्र के वक्त के रूप में आनंद सिंह , पत्रकार रेखा खान एवं एडवोकेट ओम प्रकाश मिश्रा ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए अपने विषय को सार्थकता प्रदान की। संचालन डॉ ममता झा ने किया और धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती विनीता आर. ने किया।
दूसरे सत्र का विषय था “वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विद्यार्थियों के विकास हेतु शिक्षकों की भूमिका “इस सत्र के वक्ता के रूप में पुणे से शशि निघोजकर ने शिक्षकों के लिए आवश्यक भाषा ज्ञान पर गहराई से अपने विचार व्यक्त किए। साथ ही भवन्स महाविद्यालय, अंधेरी की प्राध्यापिका डॉ. दीप्ति सावंत ने विद्यार्थियों में हिंदी भाषा के प्रति अभिरुचि जागृत करने पर जोर दिया । सेंट ऐंस जूनियर कॉलेज, मलाड की प्राध्यापिका सरिता उपाध्याय ने विद्यार्थियों के व्यक्तित्व के विकास में शिक्षकों की भूमिका पर अपने बहुमूल्य विचार प्रस्तुत किए। इस सत्र में विशेष अतिथि आर डी नेशनल कॉलेज की पूर्व प्राचार्य एवं समीक्षक डॉ.मंजुला देसाईजी ने शिक्षकों के भाषाज्ञान एवं विद्यार्थियों के व्यक्तित्व , मनोवैज्ञानिक विकास पर विचार रखे।

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