सीतापुर । हौसलों की उड़ान तो दो, छू लेंगे ये आसमान’ बालकों के हित में कुछ इन्हीं विचारों के साथ काव्य रसिक संस्थान की मध्यप्रदेश एवं उत्तर प्रदेश इकाई ने बाल दिवस पर ई-कवि सम्मेलन आयोजित किया। जिसमें सभी ने बाल साहित्य तथा बाल रचनाओं से मंच को सराबोर कर बचपन याद दिलवा दिया। संस्था के अध्यक्ष रामकुमार रसिक ने कहा कि बचपन की यादें भावुक तथा उल्लासित दोनों कर देती हैं।मुख्य अतिथि डॉ सुधा चौहान ने आज के परिप्रेक्ष्य में बालकों के प्रति अभिभावकों के रवैये पर चिंता जताकर तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास में माता-पिता की भूमिका बताई। मध्यप्रदेश की अध्यक्ष श्रीमती निशी मंजवानी ने बालकों के लिए सब्जियों को रुचिकर बनाने के लिए सब्ज़ संसार कविता सुनाई।कार्यक्रम में संस्था की राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष श्रीमती मीना जैन,उपाध्यक्ष डॉ ज्योति मिश्रा तथा कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ शरद नारायण खरे ने अपनी उपस्थिति तथा वक्तव्य से सभी को अनुग्रहित किया। सरस्वती वंदना कर प्रभुनाथ चतुर्वेदी ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया एवं संचालन डॉ इंदू जैन तथा स्मिता जी द्वारा किया गया।प्रख्यात रचनाकार रविंद्र पाल सिंह (इतवार थोड़ा जल्दी आया कर) ,आभा गुप्ता (छंद में बचपन गाया),उमाकांत भारद्वाज (चिड़ियाघर और सर्कस बच्चों को भाता),शशि जायसवाल(बालक देश के भविष्य),सुनील कुमार खुराना (बालकों में देशभक्ति भरें), डॉ अम्बे कुमारी(बालक आज और कल), डॉ देवीदीन अविनाशी तथा डॉ खुशबू गौतम (बालकों पर कविता) ने कविता पाठ कर कार्यक्रम को सफल बनाया तथा बालकवि आदित्य मंजवानी ने बाल दिवस पर स्वरचित पंक्तियां बोलकर बाल दिवस कार्यक्रम सार्थक बनाया।

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