भाई की शिकायत के बावजूद युवक की संदिग्ध मौत पर पुलिस चुप

जौनपुर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में बेलगाम पुलिस की दबंगई और मनमानी से लोग बुरी तरह से त्रस्त हैं। पुलिस कब किसको किस मामले में जेल भेज दे, कहा नहीं जा सकता। अनेक बार हाई कोर्ट भी यूपी पुलिस को लताड़ लगा चुकी है। पर यूपी पुलिस है कि सुधरने का नाम नहीं ले रही है। जौनपुर जनपद के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस अधीक्षक डॉ अजय पाल शर्मा की तमाम कोशिशों के बावजूद पुलिस मनमानी करने से बाज नहीं आ रही है। ऐसा ही एक मामला सिकरारा पुलिस स्टेशन की हद में स्थित महमदपुर गांव से आया है। 13 मई ,2024 को गांव के एक युवक श्यामलाल यादव की संदिग्ध मौत हो जाती है। श्यामलाल की पत्नी मंजू तथा उसके प्रेमी के घर वाले चुपचाप उसका अंतिम संस्कार कर देते हैं। उसकी मां प्रभावती देवी तथा भाभी मंजू देवी के अनुसार श्यामलाल के गले पर पंजे का स्पष्ट निशान था। प्रभावती देवी का साफ कहना था कि उसके बेटे की हत्या की गई है। संदेह की सुई मृतक की पत्नी उर्मिला और उसके प्रेमी संदीप यादव के ऊपर जा रही थी। मृतक के दो बड़े भाई रामलाल यादव तथा राम आसरे यादव मुंबई रहते हैं। मृतक श्यामलाल भी मुंबई रहता था। एक शादी के सिलसिले में हुआ घर आया हुआ था। उसकी पत्नी मंजू देवी घर पर रहती थी। सूचना मिलते ही दोनों घर आए। घर आने पर जब उन्होंने श्यामलाल के मोबाइल फोन को चेक किया तो श्यामलाल और उसकी पत्नी के प्रेमी संदीप यादव के बीच वार्तालाप की कई वॉइस रिकॉर्डिंग मिली, जिसमे साफ है कि मृतक अपनी पत्नी के प्रेमी से बार बार उसकी पत्नी के निजी जीवन से दूर हो जाने के लिए कहता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए रामलाल यादव ने जौनपुर के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर मामले की जांच करने तथा आरोपी संदीप यादव को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की है। पुलिस आयुक्त को लिखे पत्र में रामलाल ने कहा है कि मामले का खुलासा होता देख उर्मिला और संदीप अब उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।

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