जौनपुर। श्रीमद् भागवत कथा सुनने से आध्यात्मिक विकास और भगवान के प्रति भक्ति गहरी होती है। श्रीमद् भागवत कथा स्वयं की प्रकृति और परम वास्तविकता के बारे में सिखाती है। बदलापुर तहसील अंतर्गत स्थित सियरावासी गांव में आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के व्यास पीठ से बोलते हुए वृंदावन वाले प्रभु दयानिधि दास गोस्वामी ने उपरोक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि प्रभु को समर्पित करके काम करने वाला संतुष्ट और सुखी रहता है। 26 जनवरी से प्रारंभ कथा का समापन 2 फरवरी को पूर्ण आहुति एवं महाप्रसाद के साथ होगा। कथा के मुख्य यजमान भागवत तिवारी, सदापति तिवारी, ओमप्रकाश तिवारी, राजकुमार तिवारी, आशुतोष तिवारी, शांति अनिल तिवारी तथा शशिकला संजय तिवारी हैं। कथा के आयोजन में डॉ बाबूराम तिवारी, रामकृपाल तिवारी, राजाराम तिवारी, अमरनाथ तिवारी , डॉ विजय शंकर तिवारी, रामनाथ तिवारी, अवधेश तिवारी, राम शिरोमणि तिवारी, लाल बहादुर तिवारी, राधेश्याम तिवारी, ब्रह्म शंकर तिवारी, दया शंकर तिवारी, वीरेंद्र तिवारी, प्रेम शंकर तिवारी, कमलेश शंकर तिवारी, मनोज तिवारी आदि का महत्वपूर्ण योगदान है।

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