प्रावधिक शिक्षा में निजी संस्थानों की मनमानी पर लगाम लगाते हुए शासन ने स्पॉट काउंसलिंग पर रोक लगा दी है। अब पालीटेक्निक प्रवेश परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों को ही निजी संस्थानों को डी-फार्मा, फैशन डिजाइनिंग, इंजीनियरिंग और कृषि डिप्लोमा में प्रवेश देना अनिवार्य होगा। उन्हें आनलाइन काउंसलिंग के जरिये ही प्रवेश लेना होगा। इस संबंध में शासनादेश भी जारी कर दिया गया है। इससे निजी संस्थानों द्वारा किए जा रहे मनमाने प्रवेश पर अंकुश लगेगा। साथ ही मनमानी फीस वसूली भी रुकेगी। प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने बताया कि प्रदेश में पालीटेक्निक प्रवेश परीक्षा दो अगस्त को होनी है। इसमें करीब चार लाख अभ्यर्थियों के बैठने की उम्मीद है। इन अभ्यर्थियों को सरकारी और निजी दोनों पालीटेक्निक संस्थानों में करीब 2 लाख 38 हजार 388 सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा। प्रदेशउन्हें मजबूरन करीब 50 हजार रुपये ज्यादा फीस देनी पड़ती थी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर विभाग में इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। अब ऐसे सभी अभ्यर्थी जो प्रवेश परीक्षा में बैठेंगे उन्हें प्रवेश मिलना तय है। निजी पालिटेक्निकों और संस्थानों को अब ऐसे सभी अभ्यर्थियों को प्रवेश देने के लिए बाध्य कर दिया गया हैं, जो संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद उप्र द्वारा कराई जाने वाली आनलाइन काउंसलिंग में हिस्सा लेंगे।

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