मुंबई। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मुंबई महानगरपालिका के पूर्व उपमहापौर बाबूभाई भवानजी ने तीन चरण में हुए मतदान प्रतिशत पर चिंता जताते हुए लोकतंत्र की मजबूती के लिए शत-प्रतिशत मतदान करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि शहरी क्षेत्रों में घटता मतदान का प्रतिशत चिंताजनक है। देशवासियों का एक-एक वोट न सिर्फ लोकतंत्र को मजबूत बनाता है, अपितु देश के विकास की दिशा और दशा भी तय करता है। उन्होंने ‘पहले करें मतदान, फिर करें जलपान’ का नारा देते हुए कहा कि यह चुनाव सनातन संस्कृति की रक्षा तथा विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बेहद अहम है, इसलिए देशवासियों, खासकर मुंबई वासियों को इसकी अहमियत समझते हुए शत-प्रतिशत मतदान के लिए आगे आना होगा। भवानजी ने मुंबईकरों से अपील करते हुए कहा है कि आपका हरेक वोट अमूल्य है, मतदान आपका अधिकार है, अपने अधिकार का पालन करें। मेरा आप सभी से अनुरोध है कि मतदान जरूर करें, क्योंकि आपका और आपके पूरे परिवार वोट तय करेगा आने वाले कल का भविष्य। इसलिए अपना कर्तव्य निभाएं, वोट अवश्य करें। मतदान के दिन अपनी छुट्टियों की योजना न बनाएं, क्योंकि हर एक वोट मायने रखता है। भवानजी ने एक प्रचार सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ‘पहले करें मतदान, फिर करें जलपान’, अर्थात मतदान के दिन की अहमियत को समझते हुए सुबह-सुबह मतदान केंद्र पर पहुंचे, और वोटिंग कर अपने मताधिकार का उपयोग करें, तथा उसके उपरांत घर पहुंच कर जलपान कर अन्य जरूरी काम निपटाएं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण का मतदान 20 मई को होना है, जिसमें महाराष्ट्र की धुले, डिंडोरी, नासिक, पालघर, भिवंडी, कल्याण, ठाणे, मुंबई की सीटों का समावेश है। भवानजी ने प्रचार सभा में कहा कि भारत के हिंदुओं को इतिहास से सबक लेना चाहिए, और वोट के महत्व को समझना चाहिए। यदि हम समय रहते न सुधरे तो, इतिहास हमें कभी भी माफ नहीं करेगा। उन्होंने प्रचार सभा में बताया कि सन 1946-47 में भारत के विभाजन के समय आसाम के सिलहट जिले को गोपीनाथ बोरदोलोई ने भारत में मिलाने की बात रखी। जनमत संग्रह किया जाना तय किया गया। वोटिंग के दिन सारे मुसलमान सवेरे ही लाइनों में लग गये। हिंदू लाखों थे, पर वे दोपहर तक सोने और ताश खेलने के बाद तीन बजे पोलिंग बूथ बूथ गए। उस समय लंबी-लंबी लाईनें लग चुकी थीं। आधे हिंदुओं की भीड़ तो दूर से ही लंबी-लंबी लाइनें देखती रही, और आधे हिंदू लंबी-लंबी लाईनों में लगने से बचते रहे, और बिना वोट डाले वापस घर आ गये। करीब पचपन हजार वोटों से सिलहट जिला पाकिस्तान में चला गया। पूरे सिलहट जिले में लगभग एक लाख हिंदू वोट ही नहीं डाल सके। मुसलमानों के सारे वोट पड़े और हिंदुओं के एक चौथाई वोट ही पड़े, जिससे सिलहट जिला पाकिस्तान में चला गया। फिर जिन्ना के डायरेक्ट एक्शन के पैगाम पर हिंदुओं की बहन बेटियों की आबरू लूटी गई, उनका माल छीन लिया गया और सिलहट जिले के हिंदू दुर्दशा भोगते हुए इस दुनिया से चले गये। भवानजी ने आगे बताया कि तब से आज तक हिंदू नहीं सुधरा। जिस दिन मतदान होता है, उस दिन हिंदू छुट्टी मनाता है, मोबाईल पर टाइम पास करता रहता है। 10 बजे तक सो कर उठता है, नहा धोकर फ्रेश होकर घर के काम करता है, फिर मूड होता है तो ही मतदान केंद्र की तरफ जाता है। भीड़ ना हुई तो वोट डाल देता है, और थोड़ी भीड़ हुई तो हेकड़ी दिखाते हुए सोचता है, अरे हम लाईन में खड़े होने वाले नहीं हैं, और वापस घर चला आता है। भवानजी ने आगे बताया कि यह बहुत दुखद स्थिति है। हमें वोटिंग के काम को सबसे ज्यादा महत्व देना चाहिए। मतदान के बाद ही कोई दूसरा काम करना चाहिए। हिंदुत्व को मजबूत करने से ही भारत मजबूत होगा, अन्यथा कश्मीर और सिलहट का उदाहरण हम सबके सामने है।

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